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सरग के दूआरी "दाई - ददा"
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दाई-ददा ले मिलय आसिर्बाद
अऊ सियान ले मिले गियान
जिनगी म झन आवय दुख
देवव तुमन ये बात के धियान
हमर बर दुख पीरा सहईया
सब करव मान अऊ सम्मान
येकर मन के मया दुलार
मेहनत तियाग समरपन ल जान
सब करव मान अऊ सम्मान
येकर मन के मया दुलार
मेहनत तियाग समरपन ल जान
सरग के दूआरी हे दाई-ददा
दुनो के चरण ल पखारंव
बुढ़ापा म सहारा बन के
सुख अऊ सांति ले संवारव
दुनो के चरण ल पखारंव
बुढ़ापा म सहारा बन के
सुख अऊ सांति ले संवारव
झन जा मथुरा कासी तीरथ
इंकर चरन म हे चारो धाम
दुनो के असिस आसिरबाद ले
बनथे सब के बिगड़े काम
इंकर चरन म हे चारो धाम
दुनो के असिस आसिरबाद ले
बनथे सब के बिगड़े काम
दुनिया म कतको देवता ल मान
धरती के इही मन हे भगवान
वेद पुरान रामायण गीता सास्त्र
सबो जगा हवय येकर परमान
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रचना - देव हीरा लहरी
चंदखुरी फार्म मंदिर हसौद
रइपुर छत्तीसगढ़
मोबा :- 9770330338
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धरती के इही मन हे भगवान
वेद पुरान रामायण गीता सास्त्र
सबो जगा हवय येकर परमान
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रचना - देव हीरा लहरी
चंदखुरी फार्म मंदिर हसौद
रइपुर छत्तीसगढ़
मोबा :- 9770330338
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