बुधवार, 24 फ़रवरी 2016

पागा-कलगी क्रमांक 4//चैतन्य जितेन्द्र तिवारी


(भुईयाँ ला सरग बनाबो गा)
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चलव हो संगी जुर-मिल के
भुईयाँ ला सरग बनाबो गा...
भुईयाँ लगय ये सरग कस
चल अइसन रद्दा बनाबो गा.....
नरक हे जीवन बिन शिक्षा के
शिक्षा के मरम ला बताबो गा...
बिद्या ला कइथे मनखे के गहना
चल शिक्षाके अलख जगाबो गा..
चलव हो संगी जुर-मिल के.....
बेटी ला पढ़ाबो बेटी ला बचाबो
पढ़ाके आत्मनिरभर बनाबो गा...
बेटी हमर दोनों कुल ला तारहि
चल नारी ला साक्षर बनाबो गा...
चलव हो संगी जुर-मिल के.......
भुईयां हमर मरत हे पियास
भुईयॉ के पियास बुझाबो गा..
खूब बरसहि बरसा के पानी
चलव जुर-मिल पेड़ लगाबो गा..
चलव हो संगी जुर-मिल के
भुईयां ला सरग बनाबो गा...
भुईयाँ लगय ये सरग कस
चल अइसन रद्दा बनाबो गा..
चैतन्य जितेन्द्र तिवारी
(थान खम्हरिया)
CR...............

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