🌻 बड़ अभागा हे मोर जिनगी🌻
करम म अईसे लिखे का ओ बिधाता मोर
तमासा होगे नानहेपन के सुग्घर जिनगी मोर
तमासा होगे नानहेपन के सुग्घर जिनगी मोर
नाता ये जम्मो हमर पराया होगे,
जेन मया सकलावय कभू काबर कोसो दुर होगे।
जेन मया सकलावय कभू काबर कोसो दुर होगे।
मेहनत हमर संगी अउ बुता बनय हमर खेल
बचपन के ये पावन बेला लागय कस जेल ।
बचपन के ये पावन बेला लागय कस जेल ।
ममता बर तरस गेंव,
जम्मो मया बर अइसे तरस गेंव।
जम्मो मया बर अइसे तरस गेंव।
काखर बर जोरबो , अब सकेलबो काखर बर,
मिले हे ये जिनगी जब दिन चार बर।
मिले हे ये जिनगी जब दिन चार बर।
मया के गोठ गोठियालव कुछु हमरो ले,
निचट अभागा आंन हम जनम ले।
निचट अभागा आंन हम जनम ले।
सब बादर कस अइसे बदर गे,
सुग्घर खोंदरा कस ये जिनगी उजड़ गे।
सुग्घर खोंदरा कस ये जिनगी उजड़ गे।
महूं निकलगे ये जिनगी ल सुग्घर संवारे बर,
ये पापी पेट के आगी ल थोरीक जाने बर।
ये पापी पेट के आगी ल थोरीक जाने बर।
करम ल अइसे लिखे का बिधाता मोर,
तमासा होगे नानहेपन के.........................।
तमासा होगे नानहेपन के.........................।
🌻 ओम 🌻
🌻🌻बिलासपुर🌻🌻
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