शनिवार, 2 अप्रैल 2016

पागा कलगी-7//महेतरु मधुकर

******बोहाए हे जंवारा*******
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मोर गांव के माता चौरा म
बोहाए हे जंवारा
पार गोहार जस गीत गाये
बाजत हे मांदर चिकारा
मोर गांव के माता चौरा म
बोहाए हे जंवारा..................
गांव भर के नर नारी आवय
थारी म आरती सजाए
मन माफिक बरदान मांगे
जम्मो झन माथा नवाए
कतको झन उपास राखे हे
कतको करय जगराता....................
जगमग जगमग जोत जलत हे
पंडा हर करे रखवारी
सुघर सुघर गली चौरा दिखत हे
झराय लिपाय घर दुआरी
गांव भर भकती म डुबे हे
नेवताय झारा झारा...................
महेतरु मधुकर
पचपेडी, मस्तूरी, बिलासपु

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