👣मोर अमलीडीह म जग जँवारा हे👣
नव दिन बर आए ओ मोर माँहामाई,
तोहिं ल जग पखारय ओ मोर माँहामाई।
तोहिं ल जग पखारय ओ मोर माँहामाई।
जब डोलय पीपर पान
तोर जोत महर महर मम्हावय ओ मोर माँहामाई,
नव दिन बर आए ओ मोर माँहमाई।
तोर जोत महर महर मम्हावय ओ मोर माँहामाई,
नव दिन बर आए ओ मोर माँहमाई।
कलकत कलकत घांम जरत हे,
भगतन मन तभो ले तोर दुवार चलत हे।
भगतन मन तभो ले तोर दुवार चलत हे।
लगे हे अमबार,
तोर महिमा हे ओ सबले अपार।
तोर महिमा हे ओ सबले अपार।
सोवत उठत बस तोरे धियान
तोर नाव ले बड़के कोनो हे हमार।
तोर नाव ले बड़के कोनो हे हमार।
सब जुर मिल जोत जलावन ओ माँहामाई,
देओ म देव तोला मानन ओ माँहामाई।
देओ म देव तोला मानन ओ माँहामाई।
अउ तोर का का गुन ल मैं गावंव ओ मोर माई
जय हो मोर माँहामाई
जग दुःख हर ले ओ मोर दाई।
जग दुःख हर ले ओ मोर दाई।
उतती बुड़ती चारो दिसा म बिराजे
सबे गाँव गाँव म शीतला माई कहाऐ।
सबे गाँव गाँव म शीतला माई कहाऐ।
जय हो
नव दिन बर आए ओ मोर माँहामाई,
तोही ल जग पखारंव ओ मोर माँहामाई।
नव दिन बर आए ओ मोर माँहामाई,
तोही ल जग पखारंव ओ मोर माँहामाई।
ओम प्रकाश चौहानबिलासपुर
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