शुक्रवार, 8 अप्रैल 2016

पागा कलगी-7 //दुर्गाशंकर ईजारदार

जेवारा जगाएँ हँव ,जोत जलाएँ हँव,
पाँव पखारे बर दाई ,गंगा जल हँव ।
रद्दा देखत हँव दाई,आँखी बिछाके,
जल्दी आबे दाई,नवरात आगे ।,
जेवारा जगाँए...........
सुरहीन गईय्या के दाई,गोबर मँगा के,
चारखूँट ओ दाई,चौक पुराएँ,
जेवार जगाएँ ............
माटी के कलश में, दियना जला के,
मँय हर लाहूँ दाई, तोला परिघाकें,
जेवार जगाएँ.................
मया के अँचरा में, मोला गठिया के,
लईका समझके दाई,राखबे लुकाके।
जेवारा जगाएँ....................
आप सबो संगवारी मन ला नवरात के गाड़ा गाड़ा बधाई हे ।।।
जय जोहार।।।।
दुर्गाशंकर ईजारदार
ग्राम- मौहापाली (सारंगढ़)
मो.नं.-9617457142

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