शनिवार, 23 अप्रैल 2016

पागा कलगी -8//रामेशवर शांडिलय

पानी बचाई
नल के टोटी ले बूंद बूंद
पानी टपकत हे।
टूरा मुहं लगा के एक एक
बूंद गटकत हे।
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शहर के तलाव कुआं पटागे
गांव के तलाव कुआं अटागे
तरिया नदिया म नहाई नदागे
सरकार के पानी टंकी नठागे
= = = =
पथरा पथरा के सुनदर शहर होगे।
साफ पानी के नाली डगर होगे।
भूइया कइसे सोखे गटर होगे
पानी बर हाहाकार नगर होगे।
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मनसे के देखा बाढत अबादी,
पानी के देखा इहां बरबादी।
तीसरा युध होही पानी बर,
पानी बचाई जिनगानी बर।
= = = =
चला हम सब कसम खाई,
बुंद बुंद पानी बचाबो।
जेतका जरूरत होही,
ओतके म काम चलाबो।
= = = =
रामेशवर शांडिलय
हरदीबाजार कोरबा

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