मंगलवार, 12 अप्रैल 2016

पागा कलगी-7//ललित वर्मा

जसगीत
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जोत जवारा ओ दाई,
सजे मोर अंगना
झांझ मंजीरा मांदर, बजे मोर अंगना
महिमा तोर गावंव दाई-२,सेउक के संग मा
जोत जवारा ओ दाई......
पहली सुमरनी मां कुलदेवी तोला बलावंव ओ
मया के झूलना म तोला मैं झुलावंव ओ मया के झूलना म तोला मैं झुलावंव ओ
भरदे भंडार ओ दाई-२, सुख से मोर अंगना
जोत जवारा ओ दाई.....
दूसर सुमरनी माता सीतला तोला बलावंव ओ
मया के झूलना म तोला मैं झुलावंव ओ मया के झूलना म तोला मैं झुलावंव ओ
भरदे भंडार ओ दाई-२, गांव हे तोर अंगना
जोत जवारा ओ दाई.....
तीसर सुमरनी सातो बहिनी ल बलावंव ओ
मया के झूलना म सब-ला झुलावंव ओ मया के झूलना म सब-ला झुलावंव ओ
अनधन भंडार ओ दाई-२, भरदे देस के अंगना
जोत जवारा ओ दाई.....
पांच भगत मिल तोरे जस गावन ओ
मया के झूलना म तोला हम झुलावन ओ मया के झूलना म तोला हम झुलावन ओ
सुनले पूकार ओ दाई-२
रहिबे हमर संग म
जोत जवारा ओ दाई सजे मोर अंगना
झांझ मंजीरा मांदर बजे मोर अंगना
महिमा तोर गावंव दाई-२
सेउक के संग मा
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रचना - ललित वर्मा, छुरा

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