गुरुवार, 11 अगस्त 2016

पागा कलगी-15 //15//दिलीप वर्मा

देश बर जीबो देश बर मरबो।
जनम लेये हन जे भुईया मा,
ओकर नाव हम करबो। 
देश बर जीबो जीबो,देश बर मरबो।
हमन किसनहा दाई के बेटा,
मेहनत हमर भगवान ये।
कोनो भूखा झन राहय ग,
इहि हमर अरमान हे।
मेहनत कस हम अन्न उगा के 2
दाई के कोरा भरबो।
देश बर जीबो---------------------
कोनो दुश्मन पाँव धरय झन,
पहरा देबो चारो कोती।
देश के दीदी ,भाई बहिनी मन,
चैन से सुते हमर सेती।
चाहे जान भले चल देवय 2
देश के रक्षा करबो।
देश बर जीबो---------------
हमिमन ह नेता बनबो,
अउ बनबो हम अधिकारी।
देश ल आगू बढ़ाये खातिर,
जान लड़ाबो संगवारी।
सुनता मा मिलजुल के जम्मो2
हर तकलीफ ल हरबो।
देश बर जीबो----------------
हमर देश ह मिले हे हमला,
बड़ विपदा ला झेल के।
देश आजादी पाये हाबन,
अपन जान ले खेल के।
अइसन दुबारा झन होवय गा2
तइसन चेत हम करबो।
देश बर जीबो -----------------
दिलीप वर्मा
बलौदा बाज़ार

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें