अपन देस बर जीबो-मरबो (चौपाई)
अपन देश बर जीबो मरबो।
जतना हिम्मत ततना करबो।।
मुड़ी घलो कटवा देबो जी।
मर के जस अमरत पाबो जी।।
जतना हिम्मत ततना करबो।।
मुड़ी घलो कटवा देबो जी।
मर के जस अमरत पाबो जी।।
एहि ह माता अउ एहि पिता।
एखर बखान ल करव कतका।।
महतारी हम मानबो अपन।
सुमरत रहिबो जी जनम जनम।।
एखर बखान ल करव कतका।।
महतारी हम मानबो अपन।
सुमरत रहिबो जी जनम जनम।।
एखर माटी जस सोना हे।
अमरत जइसे माँ गंगा हे।।
इहाँ सबो भगवान बसय जी।
जनम इहाँ बरदान हरय जी।।
अमरत जइसे माँ गंगा हे।।
इहाँ सबो भगवान बसय जी।
जनम इहाँ बरदान हरय जी।।
सुन ले मोरो कहना भइया।
देश हरय ग साक्छात मइया।।
एखर तैं ह जतन तो करले।
अपन देश बर जीले मरले।।
देश हरय ग साक्छात मइया।।
एखर तैं ह जतन तो करले।
अपन देश बर जीले मरले।।
खेत खार अउ बारी कोला।
माटी धरती माटी चोला।।
दुनिया भर के देव बसे हे।
सियान मन तो एहि कहे हे।।
माटी धरती माटी चोला।।
दुनिया भर के देव बसे हे।
सियान मन तो एहि कहे हे।।
दुसमन बइठे घात लगाए।
अपन करम ले जात बताए।।
मार नई तो मर जा तैं हा।
सहीद हो के तर जा तैं हा।।
अपन करम ले जात बताए।।
मार नई तो मर जा तैं हा।
सहीद हो के तर जा तैं हा।।
भ्रष्टाचार ह एखर दुसमन।
बसे देस मा पापी जन-मन।।
चलव संघरावव तो भाई।
देस ल देस बनावव भाई।।
बसे देस मा पापी जन-मन।।
चलव संघरावव तो भाई।
देस ल देस बनावव भाई।।
हरय संत महंत के धरती।
कइसे कोनो कबजा करही।।
सच के हिम्मत देखा देबो।
ए जिनगी अरपित कर देबो।।
कइसे कोनो कबजा करही।।
सच के हिम्मत देखा देबो।
ए जिनगी अरपित कर देबो।।
-शुभम् वैष्णव
नवागढ़, बेमेतरा
नवागढ़, बेमेतरा
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