सोमवार, 29 अगस्त 2016

पागा कलगी-16 //17//चैतन्य जितेन्द्र तिवारी

जा रे कबूतर जा राखी के सन्देसा देके आ
मयारू भाई ला ए बहिनी के खबर देके आ
गजब दिन होंगे भाई तै आए काबर नई
तै मोला अपन खबर भेजवाय काबर नई
जा रे चिरइया भाई ला मोर पाती देके आ
जा रे कबूतर जा राखी के सन्देसा देके आ ।1।
रक्षा बंधन तिहार भाई मैं कईसे तोला भुलाहु
साल के रहिथे अगोरा मोर पीरा तोला सुनाहु
मोर भाई मोला भुलाहि झन पाती देके आ
जा रे कबूतर जा राखी के सन्देसा देके आ ।2।
मोर मन के पीरा अंतस के पता भेजे हौं
राखी संग मोर हिरदे के व्यथा भेजे हौं
बइठे हौं रद्दा जोहत जा मोर पाती देके आ
जा रे कबूतर जा राखी के सन्देशा देके आ ।3।
CR
चैतन्य जितेन्द्र तिवारी
थान खम्हरिया(बेमेतरा)

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