मोर परेवा
आज राखी के तिहार तै आ जा मोर पास।
दुरिहा रहिके मोर मन ल झन कर उदास।
दुरिहा रहिके मोर मन ल झन कर उदास।
मै बिना भाई के तोला बलावथव।
राखी बांध के तोला भाई बनावथव।
राखी बांध के तोला भाई बनावथव।
तोर करा भाई के मया जोड़ देहेव।
गोड़ म राखी बांध के छोड़ देहेव।
गोड़ म राखी बांध के छोड़ देहेव।
जग ल सन्देश दे आ बहनी के
सब के देखभाल करो मिल के
सब के देखभाल करो मिल के
मोर सादा परेवा शांति के ये सन्देश।
बगरा देबे पूरा देश बिदेश।
बगरा देबे पूरा देश बिदेश।
संकट म होही तोर ये बहनी जटायु कस बचा लेबे।
मोर दुःख पीरा ल पथरा कस पचा लेबे।
दाना पानी धर के अगोरत रहूँ।
खिड़की ले रस्ता निहारत रहूँ।
मोर दुःख पीरा ल पथरा कस पचा लेबे।
दाना पानी धर के अगोरत रहूँ।
खिड़की ले रस्ता निहारत रहूँ।
रामेश्वर शांडिल्य
हरदी बाजार कोरबा
हरदी बाजार कोरबा
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