शुक्रवार, 26 अगस्त 2016

पागा कलगी-16//14//निशा रानी

सावन के महीना आगे 
सावन म होते राखी
परदेश म तै रथस भइया
कैसे भेजो तोर ब राखी
1 चिट्ठी पतरी लिखे नई जानव
कैसे लिखव चिठिया
बड़ दिन तोला देखे होगे
आँखि म झुलत हे तोर सुरतिया
सावन के .......
2 परेवना करा भेजत हव
मैं ह तोर बर राखी
येला तै पहिर ले भइया
मोर जुड़ाही छाती
सावन के.......
3 परदेस म तै खुश रहिबे
ये मन के विश्वास ये
कच्चा सूत झन समझ
ये हमर मन के मिठास ये
सावन के......
4भाई - बहिनी के मया पिरित के
सावन महीना खास हे
जम्मो बहिनी भाई मन ल
सावन के रहिथे आस हे
सावन के.......
निशा रानी 
जाँजगीर
छत्तीसगढ़

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