शनिवार, 6 अगस्त 2016

पागा कलगी-15//7//सुखन जोगी

विसे- देस बर जीबो देस बर मरबो बर मोर छोटकन परयास
देस बर जीबो देस बर मरबो
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रन के मैइदान म जुझ परबो,
देस बर जीबो देस बर मरबो|
कोन बइरी आघु आथे देख लेबो,
कइसे बढ़ही आघु दुवारी म छेंक लेबो|
कसम हे हमला हमर धरती दाई के ,
झंडा फहराबो जीत लड़ाई के|
का होथे हार हम तो जानन नहीं,
जीत के रहिबो हार मानन नहीं|
देस बर लड़े हें जइसे चंद्रसेखर मंगल लच्छमी मन म भरके जोस,
राजगुरू सुखदेव आजाद हंसते हसत चढ़गे फांसी खुदी राम बोस|
रखबो सुरता वो बलिदान ल ,
संगी नइ खोवन हम अपन होस|
देस बर जीबो देस बर मरबो,
सरी जुवानी देस के नाव करबो|
आजय बैइरी सीना तान के,
ललकार हे जइसन नहीं तइसन म लड़बो|
जानत हन कपटी पीठ म वार करथे,
तभो हमर हथेली म जान रहिथे|
देखही जमाना एक दिन,
कस्मीर ले कन्याकुमारी तक इतिहास रचबो|
छत्तीसगढ़ के मान बनबो,
छत्तीसगढ़िया अभिमान बनबो|
सकार बनबो ओमकार बनबो,
देस बर जीबो देस बर मरबो|
®- सुखन जोगी
ग्राम - डोड़की , पोस्ट - बिल्हा
जिला - बिलासपुर ( छ.ग.)

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