सोमवार, 15 अगस्त 2016

पागा कलगी-15//17//देवेन्द्र कुमार ध्रुव

देश बर सबके योगदान जरुरी हे
इही मा टिके हमर जिनगी के धुरी हे
ऐकर हित मा,अपन सब कुछ वार के 
शुरू फेर बलिदान के कहानी ,देश बर करबो...
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो....
सबके अन्तस मा मया के बीजहा बोबोन
अऊ मया पिरीत के फसल काटबोंन
सबके मन मा प्रेम के धनहा उपजय
चलव अइसन किसानी ,देश बर करबो..
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो....
हमर जिनगी ऐ धरती के दे उधारी
अब ओ कर्जा ला छुटे के हे पारी
बचपना ला तो खेल मा,अबिरथा गवांगे
चलव अपन जवानी, देश बर करबो..
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो....
खतम करना हे समाज के कुरीति ला
मनखे मनखे ला लड़ाये के नीति ला
मिलजुल सबला एकता के सन्देश देबोन
चलव सब संग मितानी,देश बर करबो..
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो.....
अन्धबिस्वास अशिक्षा ले जिनगी नरक
नई जानें असल अऊ छलावा मा फरक
गियान के दीया जलाके करबो उजियारा
चलव अब सबला ज्ञानी,देश बर करबो...
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो.....
देखव कोन बैरी आँखी देखावत हे
हमर घर अंगना मा बम गिरावत हे
घर के भेदी ला घलो चिन्हे ला लागही
चलव बैरी ला चानी चानी,देश बर करबो..
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो .....
अन्न धन भरे, फेर सोन चिरईया कहाय
देशभक्ति के भाव सबके मन मा समाय
शोभा सुघ्घर ,दुनिया देखत रही जाय
उदीम तरक्की के आनी बानी,देश बर करबो..
देश बर जीबो अऊ देश बर मरबो.....
रचना
देवेन्द्र कुमार ध्रुव (डीआर)
फुटहा करम बेलर
जिला गरियाबंद(छ ग)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें