शनिवार, 6 अगस्त 2016

पागा कलगी-15//29//टीकाराम देशमुख "करिया"

" देश बर जीबो,देश बर मरबो"
देश के मान अउ सम्मान बढ़ाये बर,
तन-मन ले मेहनत ला करबो...
आवव करन परन रे संगी,
देश बर जीबो, देश बर मरबो |
१. सोन चिरइय्या हमर देश ला,
लुटिन, राज करत परदेसिया ;
बीर सपूत मन के बलिदान ले,
गजब दिन मा आज़ाद करिन...
परय नही अब "फुट" ,रहिबो हमन एकजुट
मिलजुर के अब तो भइय्या,बइरी के छाती ला दरबो...
आवव करन............
देश बर जीबो,देश बर मरबो.....
२. कतको भूंकत राहय कुकुर मन,
हिन्दू-मुस्लिम हम, एक मा रहिबो...
ऊंच-नीच अउ जात-धरम के,
बाढ़त "सुरसा" ला हरबो..
मया परेम ले रहिबो सबोझन,
सुनता के डोरी ला बरबो...
आवव करन...............
देश बर जीबो,देश बर मरबो
३. होगेहन आज़ाद , आगे अपन हाँथ मा राज...
चिनबोन "कोलिहा अउ कुकुर" ला ,
सोंच समझ अब वोट ला करबो...
शिक्षा हे बिकास के रद्दा ,
ये मन्तर ला सबझन धरबो
पढ़हाबो नोनी-बाबू ला,
ज्ञान-बिज्ञान हमुमन पढ़बो
नवा-नवा तकनीक ले "करिया" ,
उन्नति के नवा दुनिया गढ़बो
आवव करन, परन रे संगी...
देश बर जीबो, देश बर मरबो ll
©टीकाराम देशमुख "करिया"
स्टेशन चउक कुम्हारी,जिला-दुरुग (छ.ग.)
मोबा. ---९४०६३-२४०९६

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