गुरुवार, 4 अगस्त 2016

पागा कलगी-15 ./2/आचार्य तोषण चुरेन्द्र

शीर्षक:-देश बर जीबो देश बर मरबो

आही बइरी संऊहत आघु ओकरसे हकनके लड़बो 
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

अईस एक दिन अंगरेजी शासन देश म अत्याचार करिन
बन बइरी के दास देश ह कल्हर कल्हर हाहाकार करिन
करय निशचय भारत के बेटा कब तक पांव ल परबो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

सन सनतावन म मंगल ह क्रांति के बिगूल बजाइस हे
भगत सुकदेव राजगुरू सब जुरमिल के सकलाईस हे
अपन स्वाधीनता के मान खातिर कहे सुली हम चढबो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

वीर शिवाजी तात्या लछमी अंगरेज के बुता बनाइस
दूर करे अंगरेजी शासन अपन जिनगी ल दाव लगाइस
तिलक गोखले प्रताप जइसन छाती ल हमू अकडबो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

गांधी सुभाष आजाद बिस्मिल दांव खेले अपन प्राण के
भारत भुंइया के रकछा करेबर निकले छाती तान के
स्वतंत्रता के लहरात तिरंगा हांथ म अपन पकड़बो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

अमर शहीद बलिदानी मनके सपना एक दिन रंग लाईस
आईस पारी सन सडतालीस में हमर देश अजादी पाईस
ये भारत के अमर पुत्र बर सुघ्घर जयकारा करबो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो

अजाद होके अजाद नंइहन हम अजाद ये भारत म
एक दूसर ल कांटय बोंगय जिनगी के सुख स्वारथ म
ऊंच नीच के खंचवा म सुंनता के माटी सबडबो
जनम धरेहन देश के खातिर देश बर जीबो देश बर मरबो
●भारत माता की जय●
●रचना●
●आचार्य तोषण चुरेन्द्र●
●धनगांव डौंडीलोहारा●
●बालोद छत्तीसगढ़●

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