गुरुवार, 25 अगस्त 2016

पागा कलगी-16 //12//नवीन कुमार तिवारी,


रद्दा देखत हवे रे,,
रद्दादेखत हवे,
अमरो्तींन भोजी हा,
अपन छुटकुन भय्या के,
रद्दा देखत हवे,,
आँखी ले झिमिर झिमिर ,,
धारा बोहावत हवे रे,
आँखी ले,,
फेर कहां लुकाये हवे,छुटकुन हा
नदिया डोंगरी छान डारिस भोजी हा,,
अपन छुटकुन भय्या के,
रद्दा देखत हवे,,
आँखी ले झिमिर झिमिर ,,
धारा बोहावत हवे रे,
आँखी ले,,
कोन बताही संगी वीर सैनिक के बात,
नायक बनके गे रिहिस कश्मीरके घाट
वीर छुटकुन लड़ीस आतंकी संग
भारी पढगे आतंकी के घात
अलकरहा होगेरे घाटी कशमीर माँ
शहीद होगे रे छुटकुनभय्या घाटी कश्मीर मा,
कोन बताही संगी वीर सैनिक के बात,
रद्दा देखत हवे रे,,
रद्दादेखत हवे,
अमरो्तींन भोजी हा,
अपन छुटकुन भय्या के,
रद्दा देखत हवे,,
नवीन कुमार तिवारी,,,,

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें