गुरुवार, 10 मार्च 2016

पागा कलगी 5//ललित टिकरिहा

🎯हमर नंदावत खेल🎯
🎭🎭🎭🎭🎭
जुरे राहय संगी जंउरिहा,
अब नई हे थोरको मेल,
गांव गली हर सुन्ना होगे,
अउ हे हमर नंदावत खेल।
फुगड़ी भुला गे नोनी मन,
अउ बाबू मन भुला गे सुर,
भंवरा बांटी के पुछइया नई हे,
जम्मो कारटून म होगे चूर।
पिठ्ठुल के रचई नंदागे,
अउ रेस टीप के लुकई,
सुरता आथेअड़बड़ मोला,
संगी हो गेंड़ि के दउड़ई।
घांदीमुंदी ,बीस अमृत नंदागे,
चुकिया पोरा अउ घरघुन्धिया,
बिल्लस संग सुरता म समागे,
खोरलंगडी अउ अँखमूंदिया।
छुक छुक रेलगाड़ी नंदागे,
नंदागे संगी डंडा पिचरंगा,
घाम राहय लकलकावत तभो,
चलय झमाझम गिल्ली डंडा।
भोटकुल तिग्गा मन हरय,
गोंटी अउ काड़ी के खेल,
संगी जउरिहा मन के होवय,
तिरिपासाअउ चौसर म मेल।
खो,कबड्डी,कुश्ती नंदावत हे,
जम्मो हमर नंदावत हे खेल,
अब तो पाबे भीड़ बजबजावत,
किरकेट म माते रेलमपेल।
हमन गंवईहा,आनिबानी के,
पहिली खेलन सुग्घर खेल,
नाव गिनायेव् ते मन ला,
सुरता म रख लौ जी सकेल।
जुरे राहय संगी जंउरिहा,
अब नई हे थोरको मेल,
गांव गली ह सुन्ना होगे,
अउ हे हमर नंदावत खेल।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
लिखना..................✍
९-३-२०१६ 📖
🙏✏ललित टिकरिहा✏🙏

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