बुधवार, 23 मार्च 2016

पागा कलगी -6//- हेमलाल साहू

होली
फागुन के महिना हरे, तिहार होली आय।
होलिका दहन बाद में, तिहार ल ये मनाय।।
सच के रद्दा मे चलव, होवय नही ग हार।
याद पहलाद के करव, मना लव ये तिहार।।
तिहार होली देख ले, गाव गाव मा छाय।
लिपाय पुताय घर हवे, सुघ्घर रौनक लाय।।
होली हा आगे हवय, उड़य रंग गुलाल।
जगा जगा मा देख ले, बजे नगाड़ा ताल।।
फाग गीत ला गात हे, नाचे झुमके यार।
संगी साथी मिल बने, मनाबो चल तिहार।।
कायर कपट ल छोड़के, बने मना ले यार।
बारह बछर म आय गा, होली हवे तिहार।।
घर घर जाके चल बने, लगाबो गा रंग।
रहे बने आशीष हा, बड़े के हमर संग ।।
मया दया के भाव ले, बने हवे गुलाल।
माय दया के भाव ले, रंग लगाबो लाल।।
मया दया सबके हवे, मया रंग हे लाल ।
माटी के बेटा हमन, रंग लगाबो गाल।।
लइका मन से सीख ले, खेलत रंग गुलाल।
ककरो मेरा बैर नही, लगावय रंग गाल।।
मोरो हावय गा अरज, मानहु तुमन तिहार।
पानी ल खपत मत करहु, तुमन ह गा बेकार।
हेमलाल साहू
ग्राम- गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील- नवागढ़, जिला- बेमेतरा

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