बुधवार, 23 मार्च 2016

पागा कलगी -6//देवेन्द्र कुमार ध्रुव

"ऐशो के होरी "
लईका मन तो हरय जी देश के आधार 
देवव ओमन ला बने शिक्षा अउ संस्कार
ऐशो के होरी ला सुघ्घर बनावव जी
लईका मन ऊपर अच्छाई के रंग लगावव जी
ए मन झन गिरय कलंक के दलदल मा
झन फ़ंसय कभु अपराध के कलकल मा
नवा सीख देवव नेकी के पाठ पढ़ावव जी
ऐशो अपन बुराई के होलिका जलावव जी
हरियर बनके धरती ला एमन हरियाही
बनके पिंवरा रंग मया पिरीत बगराही
लाली ताकत चिन्हा भगवा मान बढ़हाही
शांति बर इकर ऊपर सादा रंग लगावव जी
राम लखन कस भाई भीम कस बलशाली
अर्जुन कस कभु निशाना झन जावय खाली
किशन कन्हैया कस मया प्रेम बगरैय्या
लईका मन ला भक्त प्रहलाद बनावव जी
भारत माँ के लाल बन चलय सीना तान के
 बिपत मा रक्षा करेओकरआन बान शान के
हाँसत हाँसत जान लुटा दे जेन देश सेवा बर
लईका मन ला अइसन देशभक्त बनावव जी
अपन सुख जेन हा सबके नाम करय
दूसरा के दुःख मा मिलजुल के काम करय
गले लगा के सबके पीरा ला हर लेवय
सबके मन मा भाईचारा भाव जगावव जी
सिरतोन सबो अपन भाग लिखा के आये हे
मेहनत करके कतकोअपन भाग जगाये हे
सबके काम आये अइसे काम करावव जी
लईका मन ला भला इंसान बनावव जी
लईका मन अपन डगर ले भटकय झन
गलती कर ककरो आँखी मा खटकय झन
उकर जिनगी मा सुघ्घर अंजोर बगरावव
ईमानदारी के सबला रद्दा देखावव जी
लईका मन के सुख के आधार बनव
सपना ला उकर मन के साकार करव
धरके अंगरी ओमनला बने रेंगावव
सबला तरक्की के सीढिया चढ़ावव जी
रचना
देवेन्द्र कुमार ध्रुव (फुटहा करम )
बेलर (फिंगेश्वर)
जिला गरियाबंद 9753524905

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