रविवार, 6 मार्च 2016

पाग कलगि ५//-हर्षल कुमार यादव

माटी के मैदान आज सुन्ना होगे रे।
खेल खेलीय्या लइका मन हिरा पन्ना होगे रे।
छोटकन बाटी हा कैसन नेम लगाय।
डंडा के मारमा गील्लि भाइ भगजाय।
अभि मोर मुन्ना चौकन्ना होगेरे्
डंडा गील्ली के नही,रैना के फॅन होगे रे।
मोर माटी के मैदान सुन्ना होगे रे।
खेल खेलइया लइका मन हीरा पन्ना होगे रे।
उठत बिहीनीया धरत लाठी गोल गोल घुमाय ।
अखाडा के मैदान गजब करतब दिखाय।
अभही मोर गोलु जवान होगे रे।
लाठी काठी के नही खली के फँन होगे रे।।
मोर माटी के मैदान सुन्ना होगे रे।
खेल खेलयीया लइकामन हीरा पन्ना होगे रे।
बैठ महतारी,बैठ जवान दिमाक अब्बड चलाय।
तिरी पासा के अजब गणित लगाय।
मोर मोनु हा संतरंज के खिलाडी होगेरे।
पासा के नही विश्वासनाथ आनंद के फॅन होगेरे।
मोर माटी के मैदान सुन्ना होगेरे।
खेल खेलइया लइकामन हीरा पन्ना होगेरे।
हर्षलकुमार यादव
वरोरा
चंद्रपूर
महाराष्ट्र ७२६४०६४९७४

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