रविवार, 20 मार्च 2016

पागा कलगी -6//रामेश्वर शांडिल्य

//जूरमिल के खेलत हे होली//
लइका लइका के ये हर टोली
जूरमिल के खेलत हे होली।
हरियर पिउरा लाल चेहरा वाला।
रंग म रंगे हावय टेहराॅ वाला।
रंग गुलाल म पोताएं हे पूरा।
कोन हा टूरी कोन आये टूरा।
हांसत कूदत करत हे ठिठोली ।
लइका लइका खेलत हे होली।
लूका लूका के मारे पिचकारी
रंग गुलाल बर होवे मारामारी।
एक दुसर म जब रंग लगाथे
लइका के खुशी देखत भाथे।
नान नान लइका के मिठ बोली
मिलजूल के खेलत हावे होली।
रामेश्वर शांडिल्य
हरदीबाजार कोरबा

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