रविवार, 6 मार्च 2016

पागा कलगी क्र.5//जयवीर रात्रे बेनीपलिहा


हमार नंदावत खेल
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(मयारू)
हमर खेल नंदावत हे
हमर खेल फुगड़ी फु ल,
सबो कोई भुलावत हे,
हमर खेल गुल्ली डंडा हर,
देखतो कैसे लुकावत हे,
देखतो हमर खेल नंदावत हे।
बचपन में हमन टायर चलान,
आज खेलइया नजर नई आवत हे,
अउ खेलन हम भौरा बाटी,
आज सबो सुरता आवत हे,
देखतो हमर खेल नंदावत हे।
स्कुल ल आके खो कबड्डी खेलन,
आज ओ दिन ल सब झन भुलावथे,
संझा होतिस तहन रेस्टिप खेलन,
बोरा दौड़ रस्सी खीच ल भुलावत हे,
देखतो हमर खेल नंदावत हे।
नानकुन म गुड्डी गुड़िया खेलन,
गुड्डी गुड़िया के भावर ल भुलात हे,
गर्मी में आमा तरी अटकन बटकन,
अब कोन्हों ल सूरता नई आवत हे,
देखतो हमर खेल नंदावत हे।
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जयवीर रात्रे बेनीपलिहा
(मयारू)

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