।। तिहार होली ।।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
रंग गुलाल लगा के संगी करबो हंसी ठिठोली।
लईका मन खेलय पिचकारी
संगी जहुरिया मन लगाय गुलाल।
दिन भर गली म चहल पहल राहय
गांव लागे बड़ खुशहाल।
गोठियाथे ग सब मया प्रित के बोली।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
गली गली म बाजे नगाड़ा
गीत होली के गाये।
एक दूसर से बैर छोड़ के
सब ल हाथ मिलाये।
झूम झूम के नाचे सब खाये भांग के गोली।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
दिन भर खेले रंग गुलाल
सांझकुन पहिने सब नवा कपड़ा।
घर घर रोटी पिठा चुरे
नई होवय कोनो झगड़ा।
आनि बानि के रोटी चुरय
महर महर ममहाय सबके घर के खोली।
फागुन के महिना आये हे तिहार होली।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
रंग गुलाल लगा के संगी करबो हंसी ठिठोली।
लईका मन खेलय पिचकारी
संगी जहुरिया मन लगाय गुलाल।
दिन भर गली म चहल पहल राहय
गांव लागे बड़ खुशहाल।
गोठियाथे ग सब मया प्रित के बोली।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
गली गली म बाजे नगाड़ा
गीत होली के गाये।
एक दूसर से बैर छोड़ के
सब ल हाथ मिलाये।
झूम झूम के नाचे सब खाये भांग के गोली।
फागुन के महीना आये हे तिहार होली।
दिन भर खेले रंग गुलाल
सांझकुन पहिने सब नवा कपड़ा।
घर घर रोटी पिठा चुरे
नई होवय कोनो झगड़ा।
आनि बानि के रोटी चुरय
महर महर ममहाय सबके घर के खोली।
फागुन के महिना आये हे तिहार होली।
रचनाकार ÷ राजेश कुमार निषाद ग्राम चपरीद ( समोदा )
9713872983
9713872983
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें