होली हे संगी
जम्मो संगी मिलजूल के होली खेलबो
आनी बानी के रंग गुलाल मन ल मिलाबो
येदे फागुन के महिना आगे, तिहार मनाबो
नानपन के संगी संगवारी ल भांग खबाबो
मया के भाखा रंग रंग के बोली गोठियाबो
आनी बानी के रंग गुलाल मन ल मिलाबो
येदे फागुन के महिना आगे, तिहार मनाबो
नानपन के संगी संगवारी ल भांग खबाबो
मया के भाखा रंग रंग के बोली गोठियाबो
आगे होरी तिहार रे संगी परसा संहरावत हे
नवा बाई लायेव होरी म घर जाय बर जोजियावत हे
दाई बहिनी किसम किसम के रोटी पिठा बनावत हे
डोकरा बबा रंग रंग के पिचका ल सजावत हे
आमा पान मउरे हे चल संगी तिहार आवत हे
जगा जगा टुरा मन डोरी लमाय होली छेकत हे
अवईया जवईया मन ल होरी टिका लगावत हे
कोनो दुतकारत कोनो रुपिया भर मया ल बगरावत हे
नवा बाई लायेव होरी म घर जाय बर जोजियावत हे
दाई बहिनी किसम किसम के रोटी पिठा बनावत हे
डोकरा बबा रंग रंग के पिचका ल सजावत हे
आमा पान मउरे हे चल संगी तिहार आवत हे
जगा जगा टुरा मन डोरी लमाय होली छेकत हे
अवईया जवईया मन ल होरी टिका लगावत हे
कोनो दुतकारत कोनो रुपिया भर मया ल बगरावत हे
देखव देखव संगी आगे फागुन तिहार
पिचका भर भर मारे नोनी रंग गुलाल
जाड के सिराती, आगे आगे सुग्घर महिना
नाचत गावत हाबय देखव रूख म नवा पिका
डारा पाना उल्हागे हरयागे भुंईया के अचरा
जाड घलो भूलागे अपन जुन्ना रद्दा ल
गरमी ह गोड लमावत जरत हे भोम्भरा
मया के गीत गुनगनाय हबय भोंगर्रा
पिचका भर भर मारे नोनी रंग गुलाल
जाड के सिराती, आगे आगे सुग्घर महिना
नाचत गावत हाबय देखव रूख म नवा पिका
डारा पाना उल्हागे हरयागे भुंईया के अचरा
जाड घलो भूलागे अपन जुन्ना रद्दा ल
गरमी ह गोड लमावत जरत हे भोम्भरा
मया के गीत गुनगनाय हबय भोंगर्रा
चलव नाचव संगी बनके बनके गुवाल
झन पिहू संगी पउवा होथे ग बवाल
डारा पाना म रुख लदागे लगे दुल्हिन कस बारी
घर कुरिया चुकचुक ले लगय लिपाय हे दुवारी
पहाती पहाती सुकवा के चेत हरागे गा भैया
जय होवय जय होवय तोर छत्तीसगढ मैया
मंदरस म माछी मगन होके रिझागे गा भैया
आनी के बानी पाटी पारय रिसागे गा सईया
झन मार पिचका भैया दीदी ह डरावत हे
अईठत किंदरत हे कतको पिये भांग के गोला
दीदी बहिनी कहत हे झन रंग गा भैया मोला
एककन के मजा बर बेच झन सांस ला
मछरी कस फसे हे जिनगी लिल झन फास ला
होरी तिहार आवत हे आवत हे रंग अउ गुलाल
कोनो अलहन झन कर झन होवय कोनो मलाल
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देव साहू
गवंईहा संगवारी
कपसदा धरसीवा
9770763599
झन पिहू संगी पउवा होथे ग बवाल
डारा पाना म रुख लदागे लगे दुल्हिन कस बारी
घर कुरिया चुकचुक ले लगय लिपाय हे दुवारी
पहाती पहाती सुकवा के चेत हरागे गा भैया
जय होवय जय होवय तोर छत्तीसगढ मैया
मंदरस म माछी मगन होके रिझागे गा भैया
आनी के बानी पाटी पारय रिसागे गा सईया
झन मार पिचका भैया दीदी ह डरावत हे
अईठत किंदरत हे कतको पिये भांग के गोला
दीदी बहिनी कहत हे झन रंग गा भैया मोला
एककन के मजा बर बेच झन सांस ला
मछरी कस फसे हे जिनगी लिल झन फास ला
होरी तिहार आवत हे आवत हे रंग अउ गुलाल
कोनो अलहन झन कर झन होवय कोनो मलाल
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देव साहू
गवंईहा संगवारी
कपसदा धरसीवा
9770763599
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