गुरुवार, 10 मार्च 2016

पागा कलगी-5//ललित वर्मा, छुरा

आज विकास के सुरूज म-२,अईलावथे जुन्ना खेल
नंदावत हाबय जी-२,मोर गांव-गवंई के खेल
गली-खोर म भौरा-बांटी, रेसटीप अउ जनउला
परछी-चौरा म पुतरा-पुतरी,भोटकुल चुरी लुकउला
फुगड़ी बिल्लस फोदा पिट्ठूल-२,म सिखय तन-मन मेल
नंदावत हाबय जी--------
घरघुंधिया म सगा अउ पहुना, खेलय बहिनी-भईया
चूलहा-चुकिया म जेवन बनई म, बनय जी नोनी मईया
संग चोर-पुलिस के खेल म संगी-२,सिखय रीत-नीत मेल
नंदावत हाबय जी--------
लंगड़ी टिटंगी बोरा रस्सी- दौड़ म तन हरियावय
खड़खड़िया तीरी-पासा गोटा म,मन-मति बड़ फरियावय
छू-छूवउल अटकन-बटकन म,-२हे गियान-धियान के मेल
नंदावत हाबय जी-------
ए खेल हे तन-मन मिंजनी माटी, छत्तीसगढ़ के थाती
पुरखा के जी दिया अउ बाती, बरत रहे दिन-राती
जुन्ना खेल म दिखथे संगी,-२ पुरखा-लईका के मेल
नंदावत हाबय जी--------
आज विकास के सुरूज म-२,अईलावथे जुन्ना खेल
नंदावत हाबय जी, मोर गांव-गवंई के खेल
नंदावत हाबय गा,मोर छत्तीसगढिया खेल ।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
सिरजईया:-ललित वर्मा, छुरा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें