जतका मन के जाला हे चला ओला झार दिन
होरी के संग मन के कचरा ला बार दिन
छोड़ाय ले जे मत छुटय अईसन पक्का रंग
मया औ पिरित के आपस म डार दिन
हिरदय के टेसू खिलय मन के आमा बौर जाय
फागुन असन बीत जाय जीनगी के चार दिन
नशा नाश के जड़ आय ऐ बात जान के
छोड़के नशा पत्ती घर बार ला संवार दिन
-महेश मलंग
होरी के संग मन के कचरा ला बार दिन
छोड़ाय ले जे मत छुटय अईसन पक्का रंग
मया औ पिरित के आपस म डार दिन
हिरदय के टेसू खिलय मन के आमा बौर जाय
फागुन असन बीत जाय जीनगी के चार दिन
नशा नाश के जड़ आय ऐ बात जान के
छोड़के नशा पत्ती घर बार ला संवार दिन
-महेश मलंग
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