चयनित विषय नंदावत खेल
प्रतियोगिता बर भाई ललित साहू जी"जख्मी" के रचना
नंदावत ननपन के खेल
अडबड होगे जिनगी के हरर हरर
नंदावत खेल अऊ ननपन के आवत हे सुरता
नहावन, डुबकन तरिया मे एक जुआर ले
कुदन उल्टा पुल्टा हेर अपन चइनस कुरता
नंदावत खेल अऊ ननपन के आवत हे सुरता
नहावन, डुबकन तरिया मे एक जुआर ले
कुदन उल्टा पुल्टा हेर अपन चइनस कुरता
खपरा ला रच के पिट्ठुल खेलन
आमा चानन दाई संग धर के सरोता
चिन्हा पार भुंईया मे डुब्बुल खोदन
सकलन फोटो अऊ बांटी खिसा भरता
आमा चानन दाई संग धर के सरोता
चिन्हा पार भुंईया मे डुब्बुल खोदन
सकलन फोटो अऊ बांटी खिसा भरता
बहिनी मन संग खेलन फुगडी, बिल्लस
लकडी पान मे कोचक के उडावन फिलफिली
आदा पादा किसने पादा कहिके हमन
पकडन चोर अऊ उडावन बिक्कट खिल्ली
लकडी पान मे कोचक के उडावन फिलफिली
आदा पादा किसने पादा कहिके हमन
पकडन चोर अऊ उडावन बिक्कट खिल्ली
बोहात पानी के मुंही रद्दा छेंकन
बनावन कागज के जहाज अऊ डोंगा
बजावन शंख समझ के सब झन
बिनन तरिया खाल्हे के बडे घोंघा
बनावन कागज के जहाज अऊ डोंगा
बजावन शंख समझ के सब झन
बिनन तरिया खाल्हे के बडे घोंघा
लुका के खावन मुंहभरहा अम्ली आमा
दाई गोठियावय ता बन जावन कोंदा
बडे पान ला पोंगा बना के चिल्लावन
अऊ बेलबेलान छोटे ला बना के चोंगा
दाई गोठियावय ता बन जावन कोंदा
बडे पान ला पोंगा बना के चिल्लावन
अऊ बेलबेलान छोटे ला बना के चोंगा
उल्ला-उल्ला खेलन गिरन कई पईत
टेडगा लकडी ला बना के झुन्ना
जनउला, कुदउला, लुकउला खेलन
खोजन लुकाय बर कुरिया सुन्ना
टेडगा लकडी ला बना के झुन्ना
जनउला, कुदउला, लुकउला खेलन
खोजन लुकाय बर कुरिया सुन्ना
गोंटा, गच्चा अऊ दिनभर लंगडची खेलन
आंखी मे बांध के फरीया खेलन घांदी मुंदी
टायर चलावन, बईला चरावन डंडा धर के
पैराट मे चढके कुदन एक मइ हो जाय चुंदी
आंखी मे बांध के फरीया खेलन घांदी मुंदी
टायर चलावन, बईला चरावन डंडा धर के
पैराट मे चढके कुदन एक मइ हो जाय चुंदी
सुतली छंदाय टिकीया चलावन हमन चकरी
अंगरखा राहय माडी भर चड्डी राहय अखरी
चुरोना सुतई मे करो के घी लेवना खावन
मुंह टेंका के दुध पियन भागे कतको चाहे छेरी
अंगरखा राहय माडी भर चड्डी राहय अखरी
चुरोना सुतई मे करो के घी लेवना खावन
मुंह टेंका के दुध पियन भागे कतको चाहे छेरी
कागज ला पईसा कचरा ला सामान बनावन
ढकना ला तराजु बना के बनिया हम बन जावन
रील फटाका के गोली भर बन्दूक टेंकावन
होली बर खुदे मुह मा गुलाल लगावन
ढकना ला तराजु बना के बनिया हम बन जावन
रील फटाका के गोली भर बन्दूक टेंकावन
होली बर खुदे मुह मा गुलाल लगावन
बेंदरा मारे बर गोली गुलेल बनावन
अऊ फोलन चिचोल खेले बर तिरीपासा
सांपसिढी, डंडा पचरंगा, अटकन मटकन
सोंचथों ता जी हो जात हे बड रुंआसा
अऊ फोलन चिचोल खेले बर तिरीपासा
सांपसिढी, डंडा पचरंगा, अटकन मटकन
सोंचथों ता जी हो जात हे बड रुंआसा
अडबड नंदा गे अडबड नंदा जही
आनी बानी के खेल अऊ प्राचीन भाषा
देख के मोर अंतस मा छाला पर गे
का इही हरे हमर तरक्की के परिभाषा ।।
आनी बानी के खेल अऊ प्राचीन भाषा
देख के मोर अंतस मा छाला पर गे
का इही हरे हमर तरक्की के परिभाषा ।।
रचनाकार - ललित साहू "जख्मी"
ग्राम - छुरा जिला - गरियाबंद(छ.ग.)
ग्राम - छुरा जिला - गरियाबंद(छ.ग.)
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