शुक्रवार, 25 मार्च 2016

पागा कलगी -6//महेन्द्र देवांगन माटी

फाग गीत
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बाढ़गे मंहगाई के दाम जी
कइसे मनावन तिहार जी ...........2
कइसे मनावन तिहार जी
कइसे मनावन तिहार जी
बाढ़गे मंहगाई के दाम जी
कइसे मनावन तिहार जी
नोनी बाबू मन पइसा मांगत हे
पइसा मांगत हे जी पइसा मांगत हे
ले दे मिठाई कहिके मुंहूं ताकत हे
मुंहूं ताकत हे जी मुंहूं ताकत हे
कहां ले पइसा हम लान जी
कइसे मनावन तिहार जी
बाढ़गे मंहगाई के........................
लइका मन भर भर के पिचका मारत हे
पिचका मारत हे जी पिचका मारत हे
डोकरा ह डोकरी में रंगे डारत हे
रंगे डारत हे जी रंगे डारत हे
चढ़हे हे दारु अऊ भांग जी
कइसे मनावन तिहार जी
बाढ़गे मंहगाई के .........................
दारे सिरागे अऊ चांऊर सिरागे
चांऊर सिरागे जी चांऊर सिरागे
तनखा ल जोहत माथा पिरागे
माथा पिरागे जी माथा पिरागे
कइसे चलाबो घर दुवार जी
कइसे मनावन तिहार जी
बाढ़गे मंहगाई के दाम जी
कइसे मनावन तिहार जी
होरी है
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रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
पंडरिया (कवर्धा)

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