शनिवार, 12 मार्च 2016

पागा कलगी 5//चैतन्य जितेन्द्र तिवारी

( कहाँ पाबे अब अइसन खेल)
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हमर छत्तीसगढ़ के खेल
हरय हमर नानपन के मेल
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घूमत रहन बइला भइसा कस
नदियाँ-तरियाँ के पारे पार
गिंजरत रहन खरी मझनियाँ
बहेरा कस भूत खारे खार
हाँथ में धरे गोंटी अउ गुलेल
अइसन तो रहय हमर खेल..।
घर दुवारी अउ मैदान म
बाड़ी खेत अउ दईहान म
जम्मो संगवारी जुरीयावन
पुरा गाँव भर ल मतावन
अब नंदा गए अइसन मेल
कहाँ पाबे अब अइसन खेल ।
बनके गुरु जी लगावन सोंटा
बिल्लस खेलन चालन गोंटा
डब्बा टीना के बजावन तासा
कौड़ी चिचोल के चालन पासा
बिसरा गे अब अइसन खेल
खेलन कूदन सब होवय मेल।
कूदन बितन्गी अउ छु-छुवउला
खेलन फुगड़ी अउ गीत गवऊला
अटकन बटकन दही के चटकन
बिन गाजा बाजा के सब मटकन
खेलन जम्मो मिलके पेल-ढपेल
अइसन तो रहय सब हमर खेल।
खेलन जुरमिल के डंडा पचरंगा
कोनो रहय मरहा कोनो बजरंगा
जितय तेनमन करय जोहार
हरय तेनमन पारय गोहार
नंदावत हे अब अइसन खेल
संगवारी मन ले होवय मेल ।
वाह रे हमर कांच के बांटी
दिखब में मनखे कस आंखी
हार जीत के लगे रहय बाजी
जीतन त रपोट लगावन छाती
कहाँ पाबे अब अइसन खेल
जेमा रहय बालपन के मेल ।
वाह रे हमर बिन पाँखी के भौंरा
झुमय हमर खोर गली के चौंरा
आवय हमर दांव गोदन गोदना
अगला के मात जावय रोदना
नदावत हे अब अइसन खेल
लड़न झगड़न हो जावय मेल ।
खेल हमर पित्तुल के भदउला
खोर गली में खेलन लुकउला
दउड़ दउड़ के चक्का चलावन
बइला गाड़ी ला कसे दौड़ावन
संगवारी मन से होवय मेल
नदावत हे अब अइसन खेल ।
खेलन बिस अमृत परी-पत्थर
गाके गोल गोल लगावन चक्कर
धरे रहन कठवा के पुतरी-पुतरा
मनखे कस पहिरान धोती लुगरा
कहाँ पाबे अब अइसन मेल
नदांवत हे अब अइसन खेल ।
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हमर छत्तीसगढ़ के खेल.....
हरय हमर नानपन के मेल....
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चैतन्य जितेन्द्र तिवारी
थान खम्हरिया(बेमेतरा)

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