शनिवार, 11 जून 2016

पागा कलगी-11//महेन्द्र देवांगन माटी

बेटी ल शिक्षा संस्कार दो
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पढ़ा लिखा के बेटी ल, दुनिया में सम्मान दो
बेटी हरे बेटा बरोबर, शिक्छा अऊ संस्कार दो
बेटी बेटा में भेद मत करो, दूनों ल पढाओ
दूनों हरे कूल के दीपक, आगे ओला बढ़ाओ
पढ़ लिख के बेटी ल, दुनिया में नाम कमान दो
बेटी हरे बेटा बरोबर, शिक्छा अऊ संस्कार दो ।
पढ़े लिखे बेटी ह, परिवार ल पूरा पढ़ाही
शिक्षित करही सबला, संस्कार घलो सीखाही
मत रोको कोनों रस्ता , आघू आघू जान दो
बेटी हरे बेटा बरोबर, शिक्छा अऊ संस्कार दो ।
अबला मत समझो नारी ल, देश के मान बढ़ाथे
जब जब अत्याचार होथे, चंडी रुप देखाथे
पापी अत्याचारी मन बर, तलवार ओला उठान दो
बेटी हरे बेटा बरोबर, शिक्छा अऊ संस्कार दो ।
घर के ईज्जत हरे बेटी, रखथे मान मरयादा
सबके लाड़ दुलार मांगथे, नइ मांगे वो जादा
झन मारो कोख में ओला, केवल एक मुस्कान दो
बेटी हरे बेटा बरोबर, शिक्छा अऊ संस्कार दो।
रचना
महेन्द्र देवांगन माटी
गोपीबंद पारा पंडरिया
जिला -- कबीरधाम (छ ग )
8602407353

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