बुधवार, 15 जून 2016

पागा कलगी-11//राजकिशोर पाण्डेय

पुरखा मन के जमो गलती सुधार लौ,
बेटी मन ला सिकछा अउ संस्कार दौ ।
इज्जत मरजाद के ओडहर म
अब मत फाँदव,
जुग ले धँधात आइन घर म
अब मत धाँधव ।
सुग्घर सपना ल इंकरो दुलार दौ ।
बेटी मन ला सिक्छा अउ संस्कार दौ ॥
फरक ल बिसारौ अब बेटा
अउ बेटी के,
जनम ल अकरथा झन जाए
दव बेटी के ।
रहैं अबला झन एतका अधिकार दौ ।
बेटी मन ला सिक्छा अउ संस्कार दौ ॥
जेतका सख होवय ओतका
उड़ाय दौ इनला,
जुग ले खुखुवावत हावय
जुड़ाय दौ इनला ।
हीन भावना ले सफ़्फ़ा उबार दौ ।
बेटी मन ला सिक्छा अउ संस्कार दौ ॥
मुंडी के बोझा नौहै अइसन
बिसवास भरव,
दाईज देके इंकर कभु झन
बिहाव करव ।
इंकर हिस्सा म मया के पहार दौ ।
बेटी मन ला सिक्छा अउ संस्कार दौ ॥
जेतका कन पढ़हत हें ओतके
कड़हन देवव,
सूरूज अउ चंदा के जात ले
चढ़हन देवव ।
जुन्ना रूढ़ही ले इनला उबार दौ ।
बेटी मन ला सिक्छा अउ संस्कार दौ ॥
🌷🌹राजकिशोर पाण्डेय 🌹🌷
नगर पंचायत मल्हार
जिला बिलासपुर छत्तीसगढ़
मों नम्बर 9981713645
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