शनिवार, 11 जून 2016

पागा कलगी-11//आचार्य‬ तोषण

शिक्षा अउ संस्कार के पहिली बेटी जग म आय
मया भरे डेरोठी चिरई सही चींव चींव चहचहाय
बेटी हे तभे हमर जिनगी हे ए पूनित धराधाम म
पढ़े लिखे गुणी मुनी ल काबर समझ नइ आय
बेटा पाए के आस म बेटी ल कोख म मारत हस
शिक्षा अउ संस्कार दौ काबर गोहार पारत हस
वाह रे पढ़े लिखे परबुधिया नइहे थोरकन बुध
बेटा-बेटी एक समान कहिके सेखी बघारत हस
बोली अइसन बोलव मत जेखर न कोनो अर्थ हे
ऊंच शिक्षा ऊंचहा बिचार संस्कार बिन बियर्थ हे
मया बेटा बर आनी बानी बेटी के थोर नइहे सुध
शिक्षा-संस्कार दे बेटी ल थोरकन नइ समर्थ हे
खडे कर दे पढ़ा लिखा बना बेटी ल तै हुंशियार
सीता जीजा मनु जइसन कुटके भरदे तै संस्कार
भरत भूमि के मान बढही फक्र करही हिन्दुस्थान
कल्पना सही उडाही नभ म फैलही जग उजियार
लहर-लहर लहरावै नभ म बेटी सही परचम नइहे
पढ़ा लिखा तै बेटी ल अउ दुसर कोई धरम नइहे
बरत रहे नित दीया सरी चमकत रहे चंदा असन
बांटै जग ल ए परकाश बेटी सूरूज ले कम नइहे
"बेटी बचाओ बेटी पढाओ"
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‪#‎आचार्य‬ तोषण
धनगांव डौंडीलोहारा
बालोद छत्तीसगढ़

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