बुधवार, 15 जून 2016

पागा कलगी-11//कुलदीप कुमार यादव

बेटी ला शिक्षा अउ संस्कार दौ ।।
सबिधान के ओला अधिकार दौ,
बेटी ला शिक्षा अउ संस्कार दौ ।।
कोनजनि समाज के कइसन लाचारी हे,
बेटा सुख पाये के सबो ला बिमारी हे ।।
बेटी हा तो दुनिया ला आघू बढ़ावत हे,
एकरे रहे ले तोर घर दुवारी जागत हे ।।
यहू ला बेटा कस दुलार दौ,
बेटी ला शिक्षा अउ संस्कार दौ ।।01।।
बेटी ला घलो पढ़े बर स्कुल मा भेजव,
समाज बिकास के रद्दा नावा गढव ।।
यहू तोर घर मा सुख-शांति लाही,
पढ़ लिख बड़े अफसर बन देखाही ।।
पढ़ा लिखा के जिनगी एकर संवार दौ,
बेटी ला शिक्षा अउ संस्कार दौ ।।02।।
ससरार मा रहे वो सुग्घर गावत झूमत,
सास ससुर संग बने रहे ओकर सुमत ।।
दुख झन हो कोनो ला ओकर धियान रखय,
अपन ले बड़का के ओहर मान करय ।।
बांधे रहे परिवार ला मया के अछरा मा,
ओला अइसन ब्यवहार दौ,
बेटी ला शिक्षा अउ संस्कार दौ ।।
रचना
कुलदीप कुमार यादव
ग्राम-खिसोरा,धमतरी
9685868975

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें