शुक्रवार, 10 जून 2016

पागा कलगी-11//जगदीश"हीरा"साहू

बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ
ये दुनिया मा आये के रस्ता देखत हे बेटी, कोंख मा झन मार दौ ।
जग मा तुंहर नाव जगाहि, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।। 

दो-दो कुल के नाम जगाथे एक बेटी हर पढ़के । 
हमर जश के झंडा फहराहि आसमान मा चढ़के ।। 

हर मौका देथौ बेटा ला , बेटी ला एक बार दौ ।
जग में तुंहर नाम जगाही, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।। 

आगु बढ़त हे अब बेटी, झन रोकव रस्ता एकर ।
 देवता घलो शीश झुकाथे, आगु मा जेकर ।। 

वो बेटी अनमोल हे जग मा, नफरत नहीं ओला प्यार दौ ।
जग मा तुंहर नाम जगाही, बेटी ला शिक्षा संस्कार दौ ।। 

जगदीश"हीरा"साहू
कड़ार (भाटापारा)

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें