गुरुवार, 23 जून 2016

पागा कलगी-12 /12/संतोष फरिकार

*झन उजाड़व*
डोगरी पहाड़ परवत के 
पेड़ ल झन काटव गा
नान नान चिरंई चिरगुन के
बसे बसाए घर ल झन उजाड़ गा
मांई नान नान पीला ल धर के काहा जही
पेड़ ह नई रही अपन बर खोधरा काहा बनाही
गरमी के दीन पेड़ लहकत रहिथे
नान नान पीला कतका सुघ्घर चहकत रहिथे
कोनो जगा के पेड़ ल झन काटव
बरसात म एक ठन पेड़ लगावव
चिरंई चिरगुन के जीव ल बचावव
बसे बसाए घर ल झन उजाड़व
जिए के एक बहाना हरय
पेड़ ह जिनगी के सहारा हरय
हवा पानी ले बचे के बहाना हरय
पानी बरसात म लुकाय के सहारा हरय
पेड़ ल झन काटव गा
कखरो घर ल झन उजाड़व गा
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रचना संतोष फरिकार
देवरी भाटापारा
9926113995

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