सोमवार, 4 जुलाई 2016

पागा कलगी-12/32/हेमलाल साहू

@ हावे रुख राई मा जिनगी @
हावे रुख राई मा जिनगी, झन काटव ग परानी।
हवे सबो के डेरा संगी, झन करव ग मनमानी।
सबो जीव के ठउर ठिकाना, हावे रूख राई हा।
जंगल रहिथें बघवा भलुआ, पेड़ म रहै चिरई हा।।
हमर सवारथ मा सबके जी, उजरत हावे डेरा।
चिरई चुरगुन रोवत हावे, कहा करीन बसेरा।।
दिया बुझाये जिनगी के गा, जलय कहाँ अब बाती।
रुख राई हा कटगे संगी, जरथे भुंइया छाती।।
नई मिलै निरमल पुरवाई , खोज लवा तुम सासी।
बून्द बून्द पानी बर तरसे, जिनगी होगे फाँसी।।
सोचव समझव आवौ संगी, लगावौ रुख राई ला।
बाग बगइचा खूब लगावौ, बहाव पुरवाई ला।।
सुघ्घर धरती ह सम्भरे जी, पहिरे हरियर लुगरा।
मान रखव परिकरिती के जी, करव कभू झन उघरा।।
अपन बना ले बेटा संगी, तैहा रुख राई ला।
जिनगी भर तोर संग देही, लाही पुरवाई ला।।
जंगल झाड़ी रुख राई हा, हमार तो जिनगानी।
चिरई चुरगुन जम्मो हावे, इहि तो हमर निसानी।।
संगी मानव बात हेम के, करलव मया जगत ला।
सबके जिनगी अपने समझव, राखव मया भगत ला।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़ जिला बेमेतरा
मो. नम्बर 9977831273

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