शुक्रवार, 15 जुलाई 2016

पागा कलगी-13 /40/तरूण साहू " भाठीगढ़िया "

मोर माटी के मितान, तै हावस भुइँया के भगवान।
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान ।
सूत उठ के खेत म नांगर धरके जाथस,
जांगर ल टोर के तै भुइँया ल सजाथस।
खोंचका डिपरा ल घलो, करथस समान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।
पेट ले बचाके तै बिजहा ल बोथस,
लहू अउ पछिना ले भुइँया ल पलोथस ।
माटी म मिल जाथस तै, माटी के समान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।
जुड़ अउ घाम म घलो बरोबर कमाथस,
धरती ल चीरके तै अन्न ल उपजाथस।
बंजर ल घलो करथस, सरग समान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।।
सबोझन के पेट भरके तै हर भूखे रहिथस,
दुनिया भरके दुख पीरा ल तै हर सहिथस।
खेते म लगे रहिथस तै हर संझा अउ बिहान,
जय हो जय हो रे किसान,तै हावस भुइँया के भगवान।।
संसो झन करिबे तै माटी के लाल,
कभू झन करिबे तोर जीव के काल।
करजा ल छूट डारबे तै हावस बलवान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।।
करम ले तोर हाथ पारस बन जाथे,
माटी घलो छीथस त सोना बन जाथे।
खेत ल बनाथस तै सोना के खदान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।
मोती बन जाहि जिहां आँसू तोर गिरही,
चंदैनी कस तोर जस धरती म बिगरही।
तोर मेहनत म होवत हे सोनहा बिहान,
जय हो जय हो रे किसान, तै हावस भुइँया के भगवान।
तरूण साहू " भाठीगढ़िया "
ग्राम - भाठीगढ़
तहसील - मैनपुर
जिला - गरियाबंद ( छत्तीसगढ़)
पिन नं. 493888
मो. नं. 9755570644
9754236521

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