माटी के मितान संगवारी,
हरय हमर सबो किसान।
माटी निचोय ले तेल निकलही,
कहिथे हमर सियान।
हरय हमर सबो किसान।
माटी निचोय ले तेल निकलही,
कहिथे हमर सियान।
कइसन ए जमाना हे के,
अलाली म मरय इंसान।
सियान मन दे दिस त,
बइठे खावत हे जवान।
अलाली म मरय इंसान।
सियान मन दे दिस त,
बइठे खावत हे जवान।
एक बात कान खोल के सुनव,
भइया आज के पागल बईमान।
कामहु तभे तो खाहू ग,
माटी संग बद लओ मितान।
भइया आज के पागल बईमान।
कामहु तभे तो खाहू ग,
माटी संग बद लओ मितान।
नन्द वर्मा,
नवागांव, नवागढ़,
मो. 9713208662
नवागांव, नवागढ़,
मो. 9713208662
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