माटी के मितान
एकर सही हकदार हे भुइंया के किसान
जेन हां लगादिस अपन पूरा दिलो जान
तभे एकर नाम धराईस माती के मितान
एकर सही हकदार हे भुइंया के किसान
जेन हां लगादिस अपन पूरा दिलो जान
तभे एकर नाम धराईस माती के मितान
मुड़ म पागा खांध म नांगर
हासत कूदत एक मन आगर
माटी के सिंगार के कारन
भईया किसान पेरथे जांगर
सेवा करत संझा बिहान।
इही ल तो कथय भईया माटी के मितान
हासत कूदत एक मन आगर
माटी के सिंगार के कारन
भईया किसान पेरथे जांगर
सेवा करत संझा बिहान।
इही ल तो कथय भईया माटी के मितान
रापा कुदारी गागर तुतारी
बसूला बिंधना रमदा आरी
करके राखे जमो तियारी
किसिम किसिम के फसल ओन्हारी
अगोरा म पानी के बईठे भाई
टकटकी लगाए किसान।
इही ल कहिथे भइया माती के मितान।।
बसूला बिंधना रमदा आरी
करके राखे जमो तियारी
किसिम किसिम के फसल ओन्हारी
अगोरा म पानी के बईठे भाई
टकटकी लगाए किसान।
इही ल कहिथे भइया माती के मितान।।
माटी के जबड़ हितवा
बन गए तैय जनम के मितवा
माती तोरे ओढ़ना बिछौना
माटी के बने हावय खिलौना
माती के भाग सहरिया
माटी म सोना उपजइया
पाए तैं एतका कन कहा ले गियान।
इही ल तो कहिथे संगी माटी के मितान।
बन गए तैय जनम के मितवा
माती तोरे ओढ़ना बिछौना
माटी के बने हावय खिलौना
माती के भाग सहरिया
माटी म सोना उपजइया
पाए तैं एतका कन कहा ले गियान।
इही ल तो कहिथे संगी माटी के मितान।
तहीं खाके पेज बासी
तोला आए दिन भर हासी
आठो अंग म सेवा बसे हे
पूजा खातिर किसान सजे हे
जेकर पसीना माटी पाइस
पाके अपन भाग सहराईस
वापिस आहि इही माटी में
आसमान के उड़त बिमान।
इही ल तो कहिथें संगी माटी के मितान।
माटी के मितान ,माटी के मितान,
माटी के मितान,.................
रचना-
पी0पी0 अंचल
हरदी बाज़ार कोरबा (छ0ग0)
९७५२५३७८९९
तोला आए दिन भर हासी
आठो अंग म सेवा बसे हे
पूजा खातिर किसान सजे हे
जेकर पसीना माटी पाइस
पाके अपन भाग सहराईस
वापिस आहि इही माटी में
आसमान के उड़त बिमान।
इही ल तो कहिथें संगी माटी के मितान।
माटी के मितान ,माटी के मितान,
माटी के मितान,.................
रचना-
पी0पी0 अंचल
हरदी बाज़ार कोरबा (छ0ग0)
९७५२५३७८९९
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