शनिवार, 9 जुलाई 2016

पागा कलगी-13/13/योगेश साहु

माटी के मितान
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माटी के मितान मैं हरौं किसान
जिनगी चलाये बर मैं जाथौं खेत खार
गिरत हवय पानी ह
रुख ला उगाये हौं
ये मोर भुइंया के
सुंदरता ला बढ़ाये हौं
माटी के मितान मैं हरौं किसान
बइला ह रेंगत हवय
खेत ला जोतत हौं
मोर जिनगी चलाये बर
धान ला बोवत हौं
माटी के मितान मैं हरौं किसान
इही माटी हवय ता जिनगी ला
चलावत हौं
आनी बानी के खेती करके
धान ला उगावत हंव
माटी के मितान मैं हरंव किसान
कोनो बनावत हे मटका भईया
कोनो बनावत हे बरतन
कोनो बनावत हे खिलौना भईया
कोनो बनावत हे घर
ये माटी ले सबो बनत हे
कतना सुघ्घर हे येकर रंग
माटी के मितान मैं हरौं किसान
📝 योगेश साहु
अर्जुनी बालोद
छत्तीसगढ़
9617891818

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