शुक्रवार, 22 जुलाई 2016

पागा कलगी-14/11/हेमलाल साहू

@ढेकी@
कूटय सुतउठ धान ला, करै जाँगरे मा काम ला।
भुकरुस भुकरुस ले बजै, सुन ले ढेकी तान ला।।

धन कुट्टी मशीन रहय, ढेकी पुरखा के हमर।
कतको कूटय धान ला, रहै जबर जाँगर उकर ।।

एकझन कूटय धान ला, एक झन खोवय घान।
जिनगी हा सुघ्घर रहै, कसरत करय बिहान।।

पइसा न कौउड़ी लगय, रखै समय के मांग ला।
घर घर मा ढेकी रखय, चाउर बढ़ाय स्वाद ला।।

लगे रहय बहना, थरा, डाड़ी, मुसरी, बैसकी।
धुरा रखै टेकाय बर, नई निकलय गा कनकी।।

आज नदागे देख ले, सुरता बनगे जान ले।
धान कुटे मशीन हवे, दूसर घर के मान ले।।

ढेकी के सुरता रहै, पुरखा के चिन्हा हमर।
बनके कबिता मा रहै, जगत संग मा अमर।।
-हेमलाल साहू
ग्राम गिधवा, पोस्ट नगधा
तहसील नवागढ़, जिला बेमेतरा
छत्तीसगढ़, मो.-9977831273

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