शुक्रवार, 8 जुलाई 2016

पागा कलगी-13/9/सोनु नेताम गोंड़ ठाकुर

!!माटी के मितान!!
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मोर माटी के संगवारी मितान
तहि हरस जांगर टोर किसान
मेहनत कर अन्न उपजाथस
खाथस रोटी चउंर पिसान
हरियर भुंईया ल हरियाथस
बनि कराईय्या माटी मितान
सुनता सुम्मत के गोठ चलाथे
बड़े दाउ ले मिलथे गियान
हखर हखर खेत कमाथस
निकल जथस तैंय बिहान
खांद म नांगर बईला तुतारी
अघवा जथे हमर सियान
आघु आघु बईला रेंगे
बिजहा बोहे ग सियान
हाथ म नांगर अरा ररा
हकलावत हे मितान
भर्री भांठा चिक्कट् माटी
हरिया जोते होत बियान
धंवरी बईला तर तर रेंगय
लेटा मारय मोर माटी मितान
गरज बरस के पानीे गिरय
सतरंगी कारी बदरिया छाहि
तरिया डबरी खोचका गड्डा
उबुक चुबुक लहुंटन मारहि
डिपरा पार म मेंचका मन
टरर टरर नरियाहि
मघन होके मंजुर नाचहि
डेना पांख छरियाहि
माटी के महर सोंध ले
धरती कोरा हरियाहि
जरि धरयं पीकी फुटय
फोंक फोंक फरियाहि
आषाढ़ बुलकहि सावन आहि
नदिया नरवा लबलबाहि
माटी के संगवारी मितान
हरियर हरेली तिहार मनाहि
� मयारुक छत्तीसगढ़िया
सोनु नेताम गोंड़ ठाकुर
रुद्री नवागांव, धमतरी
मो.नं.:-९८२७३५६०१२

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