सोमवार, 4 जुलाई 2016

पागा कलगी-12/43/वसंती वर्मा

पेड़ के गोहार🌹🌿🌳
रोवय पेड़ कहै भुईया ल
कइसे बांचव दाई
ये धरती के मइनसे मन
काटत हें मोर ठाही
मोर छाॅव ले मोर ठाॅव ले
जिनगी जेमन पाइन
काबर होगिन बइरी ओमन
जेमन फर फूल खाइन
मंय हवं ठिहा चिरई चिरगुन के
हाॅवव ओखर घर दुवार
मोला काटत हें बइरी मइनसे
फेर छुटत हे चिरई मन के परान
वसंती वर्मा
बिलासपुर छत्तीसगढ़🌳

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें