सोमवार, 4 जुलाई 2016

पागा कलगी-12/42/सेवक राम साहू""राम""

का सूख पाबे तै घर ला मोर
उजाड़ के।
बिन मुँह के जीव मै काला कहू पुकार के।।
🌴रसता मा छईहां घलऊ नई पाबे रे।
निर्दोष जीव ला कतका सताबे रे।।
🏕अपन बनाये बर मोर घर ला मीझाल देहे।
हरीयर हरीयर रुख राई जम्मो ला काट देहे।।
🏜भीयं के इज्जत रुखे राई ले हे।
स्वर अऊ संगीत तोता मैना चिराई ले हे।।
🕴सबो अपने कस मानव संगी हो।
अपनेच ला अपन झन जानव संगी हो।।
🙏�सेवक राम साहू""राम""🙏
ऊनी (खम्हरीया)
8085719189

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