* मोर मयारु माटी*
मोर मयारु माटी, मोर मयारु माटी
तिहि मोर संगी अउ तिहि मोर साथी
मोर मयारु मोर माटी.................
*अब जागो रे संगी, खेती ल करौ
माटी के खातिर जिऔ मरौ।
धरम करम के बिजहा छीतौ,
मया दुलार ले मन ल जीतौ।
आज खेती करत हे-2 ,बहु बेटा अउ नाती
मोर मयारु मोर माटी.............
*कारी बदरिया गरज के बरसे,टुटे मन ह अब नई तरसे।
बंजर भुइंया अब हरियागे,सरग बनाये बर आस जागे।
छत्तीसगढ महतारी के,ये धरती महतारी के आज जुडागे छाती
मोर मयारु मोर माटी.........
*महर महर महके माटी,बड मेहनत करय साथी
माटी के उपज माटी म बाढबो,मर के माटी म मिल जाबो
माटी के मितान"अश्वनी ",जलाये प्रेम के बाती
मोर मयारु मोर माटी,मोर मयारु मोर माटी
मोर मयार माटी,मोर..................
अश्वनी सिन्हा(परसोदा)
मोर मयारु माटी, मोर मयारु माटी
तिहि मोर संगी अउ तिहि मोर साथी
मोर मयारु मोर माटी.................
*अब जागो रे संगी, खेती ल करौ
माटी के खातिर जिऔ मरौ।
धरम करम के बिजहा छीतौ,
मया दुलार ले मन ल जीतौ।
आज खेती करत हे-2 ,बहु बेटा अउ नाती
मोर मयारु मोर माटी.............
*कारी बदरिया गरज के बरसे,टुटे मन ह अब नई तरसे।
बंजर भुइंया अब हरियागे,सरग बनाये बर आस जागे।
छत्तीसगढ महतारी के,ये धरती महतारी के आज जुडागे छाती
मोर मयारु मोर माटी.........
*महर महर महके माटी,बड मेहनत करय साथी
माटी के उपज माटी म बाढबो,मर के माटी म मिल जाबो
माटी के मितान"अश्वनी ",जलाये प्रेम के बाती
मोर मयारु मोर माटी,मोर मयारु मोर माटी
मोर मयार माटी,मोर..................
अश्वनी सिन्हा(परसोदा)
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