शनिवार, 9 जुलाई 2016

पागा कलगी-13/15/जगदीश "हीरा" साहू

💐 माटी के मितान 💐
चल धरती ला सजाबो, रुखराई ला लगाबो ।
आवव खेत डहर जाबो, सुघ्घर शान उपजाबो ।।
मोर भुईया के जवान, जय होवय तोर गा किसान ।
मोर माटी के मितान, जय होवय तोर गा किसान ।।
नांगर बइला संग मा लेके, बेरा के नइहे चिन्हारी ।
अर् -तता के राग अलापत, हाथ मा धरे तुतारी ।।
माटी मा माटी मिल के तैहा, जांगर टोर कमाये ।
धान उपजाके खेत मा अपन, सबला तै खवाये ।।
तोर महिमा हे महान, जय होवय तोर गा किसान ।
मोर माटी के मितान, जय होवय तोर गा किसान ।।
छत्तीसगढ़िया ला तारे खातिर, महानदी हर गंगा हे ।
नांव रइहि तोर अमर बेटा, जब तक सुरुज चंदा हे ।।
ये माटी के तै दुलरवा, रखबे येला जतन के ।
जग मा एकर नांव जगाबे, "हीरा" बेटा बनके ।।
महुँ करव गुनगान, जय होवय तोर गा किसान ।
मोर माटी के मितान, जय होवय तोर गा किसान।।
जगदीश "हीरा" साहू
कड़ार (भाटापारा) ,बलौदाबाजार
9009128538

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