सोमवार, 4 जुलाई 2016

पागा कलगी-12/31/टीकाराम देशमुख "करिया"

"झन कांटव रुख-राई ल"
झन कांटव रुख-राई ल........
सुन लव मोर भाई ग..
1. जिनगी के अधार हावे ,जम्मों रुख-राई
नि रही भुईयाँ मं , हो जाही ग करलाई
राखव सम्हार.....2 , परकिति दाई ल....
सुन लव मोर भाई ग
झन कांटव ..............
2.रुख-राई कांट के, बनाये तैंहा डेरा
चिरगुन मन के तैँ , उझारे रे बसेरा
सुख के देवैय्या.....2 ,रुख सुखदायी ग....
सुन लव मोर भाई ग
झन कांटव..........
3. फूल,फर,कठवा ; झन अतके तैँ जान
चलत हे सुंवांसा सबके , एकर (रुख) सेती मान
चलन दे तैं संगी....2, सुग्घर पुरवाई ल .....
सुन लव मोर भाई ग
झन कांटव रुख-राई ल.....
सुन लव मोर भाई ग
@ टीकाराम देशमुख "करिया"
स्टेशन चौक कुम्हारी,जिला _दुर्ग
मो. 94063 24096

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